हेलमेट पहनो, नहीं तो थाने में घंटों बैठो!” – जामताड़ा पुलिस की अनोखी मुहिम

“हेलमेट पहनो, नहीं तो थाने में घंटों बैठो!” – जामताड़ा पुलिस की अनोखी मुहिम

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जामताड़ा (झारखंड):
तेज़ रफ्तार, खुली सड़क और बिना हेलमेट बाइक – यह कोई फिल्मी सीन नहीं, बल्कि झारखंड के जामताड़ा जिले की सच्चाई है। लेकिन अब इस सच्चाई को बदलने की ज़िम्मेदारी उठाई है जिले की पुलिस ने — और वो भी एक बिल्कुल अलग अंदाज़ में।

1 जुलाई से 15 जुलाई तक, जामताड़ा पुलिस ने जिलेभर में ‘हेलमेट जागरूकता अभियान’ चलाया। लेकिन इस बार चालान या डंडे का डर नहीं, बल्कि थाने में बैठाकर संवेदनशीलता की ट्यूशन दी गई।

थाने में लगी सुरक्षा की क्लास

एसपी राज कुमार मेहता के नेतृत्व में पुलिस ने सैकड़ों दोपहिया वाहन चालकों को बिना हेलमेट पकड़ा। जुर्माना नहीं काटा, बस एक शर्त रखी —
“जब तक हेलमेट पहनने का वादा नहीं करोगे, थाने से बाहर नहीं जाओगे।”

पुलिस थाने को बनाया गया सड़क सुरक्षा क्लासरूम, जहां लोगों को बताया गया कि:

हेलमेट सिर्फ कानून नहीं, जीवन सुरक्षा है।

बिना हेलमेट सिर्फ चालान का खतरा नहीं, जान का खतरा है।

लेकिन 15 जुलाई के बाद… वही पुराना दृश्य

अभियान खत्म होते ही फिर सड़कों पर वही पुराना मंजर —
बिना हेलमेट युवा, माता-पिता, लड़के-लड़कियां रफ्तार में गाड़ी दौड़ाते नज़र आए।

सवाल उठता है – पुलिस क्या करे?

क्या पुलिस हर दिन हजारों लोगों को रोके?
क्या हर मां-बाप को थाने में बैठाना पड़ेगा ताकि वे अपने बच्चों के सामने मिसाल बन सकें?

अगर कोई हादसा हो जाए, तब सवाल यही होता है —
“पुलिस ने पहले क्यों नहीं रोका?”

सड़क सुरक्षा सिर्फ पुलिस की नहीं, हमारी ज़िम्मेदारी भी है

जैसे नाव को पार लगाने के लिए सिर्फ नाविक नहीं, सवारियों का भी संतुलन चाहिए –
वैसे ही हेलमेट पहनना भी संयुक्त ज़िम्मेदारी है।

एक पिता की सलाह याद रखिए:

“गाड़ी तुम्हारी है, लेकिन घर सुरक्षित लौटने का हक तुम्हारे परिवार का है।”

हेलमेट – स्टाइल नहीं, सेफ्टी है

“बिना हेलमेट बाइक चलाना, शादी में बिना जूते जाने जैसा है

फर्क बस इतना है कि वहां जूते चोरी होते हैं, यहां ज़िंदगी!”

हेलमेट को आदत नहीं, संस्कार बनाएं

बच्चों को हेलमेट पहनना सिखाएं

बुज़ुर्गों को हेलमेट दिलवाएं

और खुद… हमेशा हेलमेट पहनें

“एक सिर, एक ज़िंदगी — बस एक हेलमेट की दूरी पर।”
जामताड़ा पुलिस की यह पहल केवल एक अभियान नहीं,
बल्कि जन-जागरूकता की ओर एक बड़ा कदम है।

 

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